Monday, November 9, 2009

फिर उगा उम्मीदों का सूरज

शहर की गौरवमयी जमीं पर रविवार की रात एक ऐसी घोषणा हुई जिसने कई परिवारों में भविष्य को लेकर उठती अर्नगल आशंकाओं को जहां पल भर में ही धाराशाही कर दिया, वहीं कई निजी संस्थानों के लिए भी यह घोषणा नई राह खोल गई है। इस घोषणा की सर्वत्र सराहना होगी इसमें कोई संशय नहीं और यह भी तय है कि इस घोषणा को अपने यहां अमल में लाने के लिए भी कई संस्थान खुले मन से पहल करेंगे। जोधपुर में हुई इस घोषणा के बाद चेहरों पर चमक लौटी है और चर्चा इसकी अब तय है भारत भर में होगी। यह घोषणा उस समय हुई है जब इसकी आवश्यकता गंभीरता से और भले ही कोई प्रांत कर रहा हो या नहीं, लेकिन मारवाड़ तो बेसब्री से कर रहा था। जी हां द इंस्टीट्युट आॅफ चार्टर्ड एकाउंटेंट आॅफ इंडिया के राष्टÑीय अध्यक्ष उत्तम प्रकाश अग्रवाल ने अग्रवाल समाज की ओर से उनके सम्मान में आयोजित समारोह के दौरान जब कहा कि यदि कोई सीए किसी भी रजिस्टर्ड राष्टÑीय स्तर की संस्था में पंजीकृत हो जाता है और उसके बाद दुर्भाग्यवश उसकी मौत हो जाती है तो उनका इंस्टीट्युट उस सीए के परिवार को त्वरित सहायता स्वरूप पांच लाख रूपए नकद देगा और उसके बाद दस हजार रूपए प्रति माह पेंशन देने का भी प्रावधान रहेगा। इस घोषणा ने मारवाड़ में कई युवाओं के दम तोड़ने की कगार पर पहुंचे सपनों को जिंदा कर दिया है। गौरतलब है कि भारत भर में सबसे ज्यादा सीए मारवाड़ से ही निकलते रहे हैं जिसमें भी जोधपुर अव्वल है। यहां के युवाओं में सीए बनने का जुनून सारी हद पार कर लेने जैसा ही है, कारण जोधपुर के सीए की साख सात समंदर पार तक है। लेकिन कई हादसे यहां ऐसे हुए हैं जिसने अभिभावकों को झकझोर कर रख दिया। इस पर भी बच्चे तो सीए बनने का मोह नहीं छोड़ पाए, लेकिन अभिभावकों को बच्चों को सीए बनाने में भविष्य सुरक्षित नहीं दिखने लगा और वे अपने बच्चों को सरकारी नौकरी में लगने का ही दबाव डालते रहे। मोटे तौर पर इसकी वजह यही थी कि सीए बनने के बाद जब तक वो हैं.... तब तक तो सब ठीक है, लेकिन.......।
क्योंकि सीए के लिए भविष्य हेतु कोई योजनाएं ही नहीं है। अग्रवाल की यह घोषणा सीए कर रहे युवाओं के लिए एक तरह से बीमा का ही काम करेगी और परिजनों को लेकर उसकी सारी चिंता को दूर कर देगी। परिजनों के भविष्य की चिंता के कारण पिछले कुछेक सालों से मारवाड़ में ही नहीं पूरे देश में युवाओं में सीए बनने का जोश ठंडा पड़ता ही महसूस हो रहा था। अब जब अग्रवाल ने यह घोषणा कर दी है तो तय है फिर से मारवाड़ से सीए की ऊर्जावान फौज निकलना शुरू होगी।
यही नहीं अग्रवाल ने यहां सीए का स्तर सुधारने के भी संकेत दिए हैं और साथ ही दूरगामी उनकी सोच के जो भाव आज यहां उनके चेहरे से उभरे उससे भी यही संकेत निकले
है कि जल्दी ही इस क्षेत्र में बहुत बड़े प्रभावी परिवर्तन नजर आने लगेंगे।

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