Tuesday, January 12, 2010

सड़कों पर हुडदंग मचा रही है बोतल

कुमार प्रवीण
जोधपुर। शहर पुलिस के लिए यह स्थिति और ज्यादा सजग, सतर्क और कठोर हो जाने की है। जिस तरह से कल एक होटल से शराब के नशे में धुत्त किन्हीं लोगों ने एक वेटर का अपहरण कर लिया और कल ही शराब पीकर फितुर मचा रहे युवकों ने टोके जाने पर इस तरह से स्कार्पियो दौड़ाई जैसे उन पर किसी फिल्म का स्टंट दृश्य फिल्माया जा रहा हो। किसी का कोई खौफ नहीं। यह तो गनीमत रही कि इस स्कार्पियों की चपेट में कोई आया नहीं वरना परिवार वाले घर में उसकी बाट ही जोहते रहते। इधर शराब पीकर एक भिखारी द्वारा अपने ही साथी का मर्डर करने की आई खबर ने यह साबित कर दिया है कि भले ही मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद रात आठ बजे बाद शराब दुकानें बंद अवश्य हो जाती है, लेकिन उसके बाद सड़कों पर शराबियों की पौ बारह हो जाती है। रात के अंधेरे में सड़कों पर इस कदर शराबियों के बुलंद हुए हौंसलों ने शहर की नींद उड़ा दी है, क्योंकि यह सभी घटनाएं आधी रात बाद की नहीं है। सब कुछ आठ और दस बजे के बीच ही हुआ है। इस समय तक तो अधिकांश शहर अपने घर से बाहर ही रहता है। अधिकांश बच्चे इसी समय ही ट्यूशन पढ़ कर घर लौटते हैं और बड़ों को भी अपनों से मिलने का यही समय सही लगता है। अब जिस तरह से शराबियों द्वारा गुंडागर्दी किए जाने की यह खबरें साया हुई है लोग डरने लगे हैं कि कहीं घर आते समय बीच राह में उनसे अगर शराबी टकरा गए तो...क्या होगा ? उनकी उम्मीदें शहर पुलिस के जवानों से ही है, क्योंकि हंगामा या मारपीट होने पर बीच बचाव पर यहां कम ही लोग मदद के लिए आते है...यह कई बार दिखा है। पुलिस को सर्दी की परवाह नहीं करते हुए सड़कों पर चौकस निगाहों से शराबियोें के खिलाफ कठौर रवैया अपनाना ही होगा। इनके प्रति नरमाई निर्दोषों पर भारी पड़ सकती है। क्योंकि सड़कों पर उधम मचाने वाले शराबियों को नहीं रोका गया तो इनका आतंक घरों में भी हंगामा मचाने लगेगा। हो सकता है ये दुकानें भी लूट ले। गौरतलब है कि पहले भी शराबी इसी तरह ही सड़कों पर हुडदंग मचाने लगे थे तब पुलिस ने शाम के समय सड़कों पर इस कदर गश्त बिठा दी थी कि सब दुबक कर घरों में ही पीने लगे, लेकिन पिछले कुछ दिनों से भले ही सर्दी के कारण ही पुलिस की ना तो शाम को प्रभावी गश्त है और ना ही रात को। इसी का फायदा यह शराबी उठा रहे हैं। शराब पीने वाले बहुत आसानी से ही पहचान लिए जाते हैं फिर पुलिस की नजरें तो पारखी है आखिर क्यों नहीं वो शराबियों को पकड़ पा रही। कल जो हुआ हो गया, लेकिन आज तो पुलिस को यह विश्वास नागरिकों में जगाना ही होगा कि हम हैं ना..बस आप तो सफर करो।

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